जैश ए मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क की नई रणनीति! दिल्ली ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार 12 में से 6 डॉक्टर… किस ओर इशारा

खबरें शेयर करें

दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाकों ने एक बार फिर से देश में आतंकी नेटवर्क के मजबूत होने के संकेत दिए हैं। खास बात है कि इस सब के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम सामने आया है। उसमें भी प्रोफेशनल आतंकियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

नई दिल्ली : लाल किले के पास हुए धमाके ने दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया। दिल्ली में करीब एक दशक बाद कोई आतंकी हमला हुआ है। इस धमाके का मुख्य संदिग्ध डॉक्टर उमर उन नबी बताया जा रहा है। मामले की जांच कर रही एनआईए समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब इससे जुड़ी हर कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई हैं। इस मामले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के टेरर नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई से जुड़ा लिंक सामने आया है।

जांचकर्ताओं ने पुलवामा के एक डॉक्टर पर ध्यान केंद्रित किया है। इसका संबंध मुख्य रूप से फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के साथ पर्दाफाश किए गए एक आतंकी मॉड्यूल से है। खास बात है कि इस मामले में जो सबसे खास बात नजर आई है वह है कि जैश के टेरर नेटवर्क से संबंधित गिरफ्तार 12 आतंकियों और संदिग्धों में से 6 डॉक्टर हैं। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर जैश-ए-मोहम्मद किस रणनीति पर काम कर रहा है।

दिल्ली अटैक का अल फला यूनिवर्सिटी कनेक्शन
सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद भी शामिल थे। ये फरीदाबाद स्थित अल फला विश्वविद्यालय से जुड़े थे। फरीदाबाद से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था। जांच अधिकारियों के अनुसार, शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा का नेतृत्व कर रही थी। वह समूह की महिला शाखा जमात-उल-मोमिनात की प्रमुख थी।

आखिर क्यों डॉक्टरों पर जैश की नजर?

सुरक्षा एजेंसियों (जम्मू-कश्मीर पुलिस, NIA, UP ATS आदि) की जांच से पता चला है कि जैश-ए-मोहम्मद ने जानबूझकर शिक्षित प्रोफेशनल्स, खासकर डॉक्टरों को टारगेट किया है। माना जाता है किडॉक्टरों की सामाजिक प्रतिष्ठा और बिजी शेड्यूल उन्हें लोगों को शक की नजर से बचाता है। ऐसे में कोई सहज रूप से यकीन नहीं कर सकताह कि ऐसे लोग हथियार, विस्फोटक या फंड्स को छिपा सकते हैं। उदाहरण के लिए अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) में कई कश्मीरी डॉक्टर फैकल्टी थे, जहां से मॉड्यूल चल रहा था।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार 2019 पुलवामा अटैक के बाद जैश ने ‘एजुकेटेड जिहाद’ पर फोकस किया। रिपोर्ट में कहा गया कि बुरहान वानी के बाद युवा प्रोफेशनल्स (इंजीनियर, डॉक्टर) ज्यादा रैडिकलाइज हो रहे हैं। यह ‘व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम’ कम शक पैदा करता है। इसके साथ ही बड़े अटैक प्लान करने में मदद करता है।


खबरें शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *